Bihar Board Class 10 Hindi Gadya Chapter 3 Solutions

हम बिहार बोर्ड मैट्रिक छात्रों के लिए पूरे अध्याय के हल प्रदान करते हैं। इस अध्याय में "भारत की प्राकृतिक सुंदरता अनोखी और महत्वपूर्ण है। भारतीय साहित्य विश्व के लिए ज्ञान रखता है। सच्ची भारतीय दर्शनशास्त्र गांवों में ही पाया जाता है। भारत के पास विभिन्न मुद्राएं और साहित्य है। भारत ने कानून, धर्म और राजनीति के विकास में योगदान दिया है। संस्कृति और भारतीय संस्कृति को सभी विदेशी देशों में सम्मान दिया जाता है।" के बारे में चर्चा की गई है। हम इस अध्याय के सभी प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं, जो कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में आते हैं।

Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 3 - भारत से हम क्या सीखें Solutions

पाठ परिचय

विषय
हिन्दी (गोधूलि भाग 2), गद्य
अध्याय
3. भारत से हम क्या सीखें (भाषण)
लेखक
मैक्समूलर

यह पाठ 'भारत से हम क्या सीखें' नाम से जाना जाता है जो एक भारतीय सेवा के लिए चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों के आगमन के अवसर पर संबोधित भाषणों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। इस पाठ में लेखक ने यह बताया है कि भारत एक विशेष देश है जो सभ्यता और संस्कृति के क्षेत्र में अनुभव से भरा हुआ है। लेखक ने इस बात का भी जिक्र किया है कि भारत की प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति से हमें बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। नई पीढ़ी अपने देश और उसकी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति, ज्ञान-साधना और प्राकृतिक वैभव के महत्व को भाषण से सीधे जान सकती हैं। इसका भाषांतरण डॉ0 भावानी शंकर त्रिवेदी ने किया है।

लेखक परिचय

नाम फ्रेड्रिक मैक्समूलर
जन्म 6 दिसम्बर, 1823 ई0, डेसाउ नामक नगर, जर्मनी
मृत्यु 28 अक्टूबर, 1900 ई0
पिता विल्हेम मूलर
माता एडेल्हेड मूलर
शिक्षा लिपजिंग विश्वविद्यालय से संस्कृत का अध्ययन
प्रमुख कार्य संगीत, लैटिन भाषा और संस्कृत साहित्य के लेखक

पाठ का सारांश

अध्याय "भारत से हम क्या सीखें" महान विचारक और लेखक फ्रेड्रिक मैक्समूलर द्वारा लिखा गया है। लेखक भारत की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डालता है, जो एक ऐसा देश है जो प्राकृतिक सुंदरता और विविध संपदा से समृद्ध है। गोर्की का मानना है कि सच्चा भारत शहरों में नहीं बल्कि गांवों में पाया जाता है, जहां प्रकृति प्रचुर मात्रा में है और कृषि महत्वपूर्ण है। भारत के साहित्य में वह ज्ञान है जिससे यूरोपीय और समस्त मानवता के विकास को लाभ मिल सकता है। भारत में ईरानी, ग्रीक, रोमन और मुस्लिम शासकों के विदेशी सिक्कों का विशाल भंडार है। भारत धार्मिक और कानूनी विज्ञानों का खजाना होने के साथ-साथ पौराणिक कथाओं और भाषाई समृद्धि का एक विशाल समुद्र भी है।

Bihar Board Class 10 Hindi Gadya Chapter 3 - भारत से हम क्या सीखें Solutions

बोध और अभ्यास

Q1. समस्त भूमंडल में सर्वविद सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?

उत्तर - भारत ऐसा देश है, जहाँ मानव मस्तिष्क की उत्कृष्टतम उपलब्धियों का सर्वप्रथम साक्षात्कार हुआ है। यहाँ जीवन की बड़ी-से-बड़ी समस्याओं के ऐसे समाधान ढूँढ निकाले गये हैं जो विश्व के दार्शनिकों के लिए चिन्तन का विषय है। भारत में भूतल पर ही स्वर्ग की छटा बिखरती है। यहाँ की धरती प्राकृतिक सौंदर्य, मानवीय गुण, मूल्यवान रत्न, प्राकृतिक सम्पदा एवं मनीषियों के आध्यात्मिक चिंतन से परिपूर्ण है। यहाँ जीवन को सुखद बनाने के लिए उपयुक्त ज्ञान एवं वातावरण का सान्निध्य मिलता है जो भूमंडल में अन्यत्र नहीं है।

Q2. लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों ?

उत्तर - लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन गाँवों में हो सकते हैं। भारत की सारी परंपरा का आधार ऋषि और कृषि पद्धति है। गाँव में ग्राम पंचायत व्यवस्था देखने को मिलेंगे। कृषि व्यवस्था मंदिर व्यवस्था आदि। जो केवल में मौलिक रूप से देखने को नहीं मिलेंगे।

Q3. भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता किनके लिए वांछनीय है और क्यों?

उत्तर - भारत को पहचान करने वाली दृष्टि भारतीय सविल सेवा हेतु चयनित युवा अंग्रेज अधिकारियों के लिए है। भारत में पहुंचने के बाद वहाँ से ज्ञान, सामाजिक व्यवस्थाएँ, विज्ञान आदि का संग्रह और उन्नयन करने की दृष्टि हो। सर विलियम जोन्स की तरह नए युवा अधिकारी भी स्वप्नदर्शी हों और गंगा, सिन्धु के मैदानों में संग्रहणीय वस्तु एवं विद्या इंगलैण्ड लावें।

Q4. लेखक ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरूचि रखने वाले के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है ?

उत्तर - लेखक ने कहा है कि आपकी अभिरूचि की पैठ किसी विशेष क्षेत्रों में है तो भारत में आपको पर्याप्त अवसर मिलेंगे। लोकप्रिय शिक्षा से सम्बद्ध हो, या उच्च शिक्षा, चाहे संसद में प्रतिनिधित्व की बात हो अथवा कानून बनाने की बात हो, चाहे प्रवास संबंधी कानून हो अथवा अन्य कोई कानूनी मसला, सीखने या सिखाने योग्य कोई बात क्यों न हो, भारत के रूप में आपको ऐसी प्रयोगशाला मिलेगी। जैसे-विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकती।

Q5. लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है और क्यों ?

उत्तर - वारेन हेस्टिंग्स को वाराणसी के पास 172 दारिस नामक सोने के सिक्कों से भरा एक घड़ा मिला था। उन्होंने ईस्ट इण्डिया कम्पनी के निदेशक मंडल की सेवा में सोने के सिक्के यह समझकर भिजवा दिया कि यह एक ऐसा उपहार होगा जिसकी गणना उसके द्वारा प्रेषित सर्वोत्तम दुर्लभ वस्तुओं में की जाएगी। कंपनी के निदेशक उसका ऐतिहासिक महत्त्व नहीं समझ पाये और उन मुद्राओं को गला डाला। वारेन हेस्टिंग्स के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण घटना था। फिर वह सोचा कि आगे से सावधानी रहे कि ऐतिहासिक वस्तुओं को बचाया जाय।

Q6. लेखक ने नीतिकथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है?

उत्तर - लेखक ने बताया है कि नीति कथाओं के अध्ययन-क्षेत्र में नवजीवन का संचार हुआ है। समय-समय पर विविध साधनों और मार्गों द्वारा अनेक नीति कथाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित रही हैं। भारत में प्रचलित कहावतों और दन्तकथाओं का प्रमुख स्रोत बौद्ध धर्म को माना जाने लगा है, किन्तु इसमें निहित समस्याएँ समाधान की प्रतीक्षा में हैं। लेखक ने एक उदाहरण देकर बताया है कि ‘शेर की खाल में गदहा’ वाली कहावत सबसे पहले यूनानी दार्शनिक प्लेटो के क्रटिलस में मिलती है। इसी तरह संस्कृत की एक कथा यूनान के एक नीति कथा से मिलती है। अर्थात् भारतीय नीति कथाएँ यूनान से कैसे जुड़ी यह एक शोध का विषय है।

Q7. भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण लेखक ने क्या दिखाए हैं?

उत्तर - लेखक के अनुसार यह असंदिग्ध रूप से प्रमाणित हो चुका है कि सोलोमन के समय में ही भारत, सीरिया और फिलीस्तीन के मध्य आवागमन के साधन सुलभ हो चुके थे। साथ ही . इन देशों के व्यापारिक अध्ययन करने पर कुछ संस्कृत शब्दों का प्रयोग मिलता है। इन संस्कृत शब्दों के आधार पर प्रमाणित होता है कि हाथी-दाँत, बन्दर, मोर और चन्दन आदि जिन वस्तुओं के ऑफिसर से निर्यात की बात बाइबिल में कही गयी है, वे वस्तुएँ भारत के सिवा किसी अन्य देश से नहीं लाई जा सकती। ऐतिहासिक अध्ययन से यह भी ज्ञात है कि दसवीं-ग्यारहवीं सदी में भी भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक सम्बन्ध बंद नहीं हुए थे।

Q8. भारत के ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है ? स्पष्ट करें।

उत्तर - लेखक युवा अंग्रेज अधिकारी जो भारतीय सिविल सेवा हेतु चयनित हुए थे उनके लिए भारत के ग्राम पंचायतों का महत्त्वपूर्ण अर्थ बतलाया है। – अत्यंत सरल राजनैतिक इकाइयों के निर्माण और विकास से सम्बद्ध प्राचीन युग के कानून की पुरातन रूपों के बारे में इधर जो अनुसंधान हुए हैं, उनके महत्त्व और वैशिष्ट्य को परख सकने की क्षमता प्राप्त करनी है, तो आपको इसके लिए आज भारत की ग्राम पंचायतों के रूप में इसके प्रत्यक्ष दर्शन का सुयोग अनायास ही मिल जाएगा।

Q9. धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है?

उत्तर - भारत प्राचीन काल से ही धार्मिक विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ धर्म के वास्तविक उद्भव उसके प्राकृतिक विकास तथा उसके अपरिहार्य क्षीयमाण रूप का प्रत्यक्ष परिचय मिलता है। भारत वैदिक धर्म की भूमि है, बौद्ध धर्म की यह जन्मभूमि है, पारसियों के जरथुस्ट्र धर्म की यह शरण-स्थली है। आज भी यहाँ नित्य नये मत-मतान्तर प्रकट एवं विकसित होते रहते हैं। इस तरह से भारत धार्मिक क्षेत्र में विश्व को आलोकित करनेवाला एक महत्त्वपूर्ण देश है।

Q10. भारत किस तरह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है ? स्पष्ट करें।

उत्तर - भारत में आप अपने-आपको सर्वत्र अत्यन्त प्राचीन और सुदूर भविष्य के बीच खड़ा पायेंगे। वहाँ आपको ऐसे सुअवसर भी मिलेंगे जो किसी पुरातन विश्व में ही सुलभ हो सकते हैं। आप आज की किसी भी ज्वलंत समस्या को ले लीजिए। वह समस्या चाहे लोकप्रिय शिक्षा से सम्बद्ध हो, या उच्च शिक्षा, चाहे संसद में प्रतिनिधित्व की बात हो अथवा कानून बनाने की बात हो, चाहे प्रवास संबंधी कानून हो अथवा अन्य कोई कानूनी मसला, सीखने या सिखाने योग्य कोई बात क्यों न हो, भारत के रूप में आपको ऐसी प्रयोगशाला मिलेगी जैसे विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकता।

Q11. मैक्समूलर ने संस्कृत की कौन-सी विशेषताएँ और महत्त्व बतलाये हैं ?

उत्तर - संस्कृत की सबसे पहली विशेषता है इसकी प्राचीनता, क्योंकि हम जानते हैं कि ग्रीक भाषा से भी संस्कृत का काल पुराना है। ज्यों ही इन भाषाओं के बीच में संस्कृत आ बैठी कि तत्काल लोगों को एक सही प्रकाश और गर्मी का अहसास होने लगा, और इसी से भाषाओं का पारस्परिक संबंध भी स्पष्ट हो गया। निश्चित ही संस्कृत इन सब भाषाओं की अग्रजा है।

Q12. लेखक वास्तविक इतिहास किसे मानता है और क्यों?

उत्तर - किसी देश अथवा राज्य की प्राचीनकालीन इतिहास को जानने के लिए आवश्यक है कि पहले हम वहाँ की भाषा की प्राचीनता को जानें। यदि हम यह जानना चाहें कि आर्य लोग अनेक शाखाओं में विभक्त होने से पूर्व चूहे के बारे में जानते थे या नहीं, तो हमें आर्य भाषाओं के शब्दकोष देखने होंगे। भाषा के सहारे आर्यों के विभाजन से पूर्व की सभ्यता एवं सांस्कृतिक अवस्था को जाना जा सकता है। संस्कृत, ग्रीक और लैटिन इन तीनों भाषाओं के एक सामान्य मूल उद्गम-स्रोत तक पहुँचने के लिए हमें बहुत पीछे हटना होगा और पीछे हटकर हम उस . सम्मिलन स्थल पर पहुँच जाएंगे जहाँ से हिन्दू, ग्रीक, यूनानी आदि शक्तिशाली जातियाँ एक-दूसरी से पृथक् हुई थीं। अतीत के अध्ययन से हम पाते है कि आदि आर्य भाषा चिंतन-परम्परा के प्रवाहों के उतार-चढ़ाव से घिसनेवाली चट्टान रही है।

लेखक इसे ही वास्तविक अर्थों में इतिहास मानता है, क्योंकि यह एक ऐसा इतिहास है जो राज्यों, दुराचारों और उनके जातियों की क्रूरताओं की अपेक्षा कहीं अधिक ज्ञातव्य और पठनीय

Q13. संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पश्चात्य जगत् को प्रमुख लाभ क्या-क्या हुए?

उत्तर - संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन के पश्चात् मानव जाति के बारे में हमारे विचार व्यापक और उदार ही नहीं बने हैं तथा लाखों-करोड़ों अजनबियों तथा वर्बर समझे जानेवाले लोगों का भी अपने ही परिवार के सदस्य की भाँति गले लगाना ही नहीं सीखे हैं, अपितु इसने मानव जाति के संपूर्ण इतिहास को एक वास्तविक रूप से प्रकट कर दिखाया है, जो पहले नहीं हो पाया था।

Q14. लेखक ने भारत के लिए नवागंतुक अधिकारियों को किसकी तरह सपने देखने । के लिए प्रेरित किया है और क्यों ?

उत्तर - लेखक ने भारत के लिए नवागंतुक अधिकारियों को सर विलियम जेम्स की तरह सपने देखने के लिए प्रेरित किया है, क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड से आरम्भ की हुई अपनी लम्बी समुद्र यात्रा की समाप्ति पर क्षितिज में प्रकट होते हुए भारत के तट का दर्शन करते हुए जो अनुभव किया था वह सुखद था। उन्होंने अनुभव किया था कि एशिया की यह भूमि नानाविध विज्ञान की धात्री, आनन्ददायक ललित कथा उपयोगी कलाओं की जननी, एक से एक बढ़कर शानदार कार्यकलापों ” की दृश्यभूमि, मानव प्रतिभा की जननी एवं धार्मिक विकास की केन्द्रभूमि तथा रीति-रिवाज, परम्पराओं, भाषा की दृष्टि विविधा के कारण सर्वत्र सम्मान की दृष्टि से देखी जाने वाली पवित्र भूमि है।

Q15. लेखक ने नया सिकंदर किसे कहा है ? ऐसा कहना क्या उचित है ? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - लेखक ने नया सिकंदर भारत को समझने, जानने एवं सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने हेतु भारत आनेवाले नवागंतुक, अन्वेषकों, पर्यटकों एवं अधिकारियों को कहा है। भारत विजय का सिकंदर ने स्वप्न देखा था। उसी प्रकार आज भी भारतीयता को निकट से जानने के नवीन स्वप्नदर्शी को आज का सिकंदर कहना अतिशयोक्ति नहीं है, यह उचित है। लेखक ने कहा है कि नए सिकंदर को यह सोचकर निराश नहीं हो जाना चाहिए कि गंगा और सिंध के पुराने मैदानों में अब उसके विजय करने के लिए कुछ भी शेष नहीं रहा। आज भी अध्ययन, शोध, विश्व की विविध प्राचीनतम ज्ञान, विकास सूत्र, प्राच्य देशों के इतिहास और साहित्य के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक शानदार बड़ी-बड़ी अनेक विजय प्राप्त की जा सकती हैं। विश्व के सर्वांगीण विकास हेतु आज भी भारतीयता के सम्यक् ज्ञान की आवश्यकता को लेखक ने अनिवार्य बताया है। साथ-ही भारत में असीम संभावनाओं पर बल दिया है।

Bihar Board Class 10 Hindi Gadya Chapter 3 - भारत से हम क्या सीखें Objective Questions and Answers

1. मैक्समूलर का जन्म किस देश में हुआ ?

( A ) भारत
( B ) इंग्लैंड
( C ) जर्मनी
( D ) फ्रांस

2. मैक्समूलर मात्र .... वर्ष के थे , तभी उनके पिता का देहावसान हो गया

( A ) दो
( B ) तीन
( C ) चार
( D ) पांच

3. मैक्समूलर का जन्म 6 दिसंबर ....... ई ० में हुआ था

( A ) 1823
( B ) 1824
( C ) 1834
( D ) 1833

4. सैक्समूलर बचपन में ही ...... भाषा में निपुण हो गए थे

( A ) ग्रीक
( B ) लैटिन
( C ) संस्कृत
( D ) A and B

5. मैक्समूलर ने 18 वर्ष की उम्र में लिपजिंग विश्वविद्यालय में ..... का अध्ययन आरंभ कर दिया था

( A ) ग्रीक
( B ) लैटिन
( C ) संस्कृत
( D ) अरबी

avatar

Bhaskar Singh

I am the founder and author of knowledgewap.org. We provides high-quality, informative content on diverse topics such as technology, science, lifestyle, and personal development. With a passion for knowledge and engaging writing style, We are committed to keeping his readers up-to-date with the latest developments in their fields of interest. Know more